जोड़ो के दर्द की समस्या जड़ से खत्म करने के लिए जरूर करे यह घरेलू उपाय
जाड़े के मौसम में जोड़ों के दर्द से संबंधित कई समस्याएं हो जाती हैं। इनमें कूल्हे में दर्द होना आम बात है। मेडिकल साइंस में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सर्दी बढ़ने और तापमान में गिरावट आने सेजोड़ों में दर्द क्यों होता है।हालांकि यह माना जाता है कि तापमान गिरने पर टेंडन, मांसपेशियों और ऊतकों का विस्तार होता है, क्योंकि शरीर में इनके फैलने के लिए एक सीमित जगह होती है। इसलिए सर्दियों के सीजन में जोड़ों में दर्द अधिक होता है। यह दर्द खासकर अर्थराइटिस के शिकार लोगों को होता है। जोड़ो में दर्द होने का अन्य कारण कूल्हे में बर्साइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस या साइटिका हो सकता है। ऐसे लोग जो हैवी वर्कआउट करते हैं, उनके शरीर में अधिक खिंचाव हो सकता है। इससे कूल्हे या जांघ में दर्द होता है।
कूल्हे का दर्द बढ़ाने वाली स्थितियां:
भारत मेंजोड़ों का दर्द बुजुर्ग लोगों में होना बहुत सामान्यबात है। युवाओं में जोड़ों या लिगामेंट में दर्द होना किसी प्रकार की चोट का परिणाम होता है। कूल्हे में दर्द होने के कुछ प्रमुख कारण हैं। बर्साइटिसः यह एक दर्दनाक स्थिति होती है। इससे छोटे द्रव्य से भरी थैली जिसे बसाई कहा जाता है, प्रभावित होती है। ये थैली जोड़ों के करीब की हड्डियों, टेंडंस और मांसपेशियों के बीच एक तकिया के रूप में कार्य करती है। बसाइटिस बसाई की सूजन के कारण होता हैऔर यह कंधे, कोहनी व कूल्हे में ज्यादा होता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस :
रूमेटाइड अर्थराइटिस का मतलब क्रॉनिक सूजन डिसऑर्डर से होता है, जो जोड़ों पर बुरा असर डालता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस ऊतकों के इम्यून सिस्टम और जोड़ों पर प्रभाव डालता है, जिससे दर्द के साथ सूजन होती है। लंबे समय तक रूमेटाइड अर्थराइटिस से हड्डी का क्षरण और जोड़ों की दिव्यांगता होती है।
दर्द से बचने के उपाय
सर्दियों में शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो जाती हैं। इसके विपरीत तैलीय पदार्थों का सेवन बढ़ जाता है। इससे वजन में काफी वृद्धि हो जाती है।खास वात यह है कि केवल दाई किलोवजन बढ़ने से ज्वाइंट परफर्क पड़ जाता है। इसलिए आजकल के मौसम में भी एक्टिव रहे ताकि जोड़ों की गतिशीलता बनी रहे। हर दिन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से जोड़ों की स्टिफनेस को कम करने में मदद मिलती है साथ ही एक्टिव रहने से वजन भी नियंत्रित रहता है।
साइटिका
साइटिका एक कॉमन दर्द है, जो साइटिका नर्व पर बुरा प्रभाव डालता है। साइटिका नर्व एक लंबी नर्व होती है, जो लोअर बैंक से पैरों के पीछे तक फैली होती है। सामान्य तौर पर साइटिका केवल लोअर बॉडी की एक साइड को प्रभावित करती है और दर्द जांघ के पीछे से पैर के जरिए लोअर बैंक तक होता है। साइटिका का दर्द पीठव कूल्हे पर असर डाल सकता है।
अर्थराइटिस
जोड़ों के दर्द के सबसे आम कारणों में से एक है अर्थराइटिस। अर्थराइटिस से जोड़ों में दर्दवकठोरता आती है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है। स्थिति और खराब होती जाती है। विभिन्न प्रकार के अर्थराइटिस होने के अलग अलग कारण हो सकते हैं।
Post Comment
No comments