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हिंदुस्तान के लिए रेड अलर्ट, टूटते जा रहे हैं सारे रिकॉर्ड

 होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत भी नहीं है, लेकिन किन संक्रमितों का घर पर इलाज हो सकता है, उन्हें किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे लक्षण दिखने पर होम आइसोलेशन से हॉस्पिटल का रुख करना चाहिए. देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा हर दिन पिछले दिन का रिकॉर्ड तोड़ रहा है. कोरोना का मीटर जिस डेंजरस स्पीड से बढ़ रहा है, वो हर हिंदुस्तानी के लिए रेड अलर्ट है. बीते 24 घंटे में देश में कोरोना ने हर घंटे करीब 3788 लोग को अपनी चपेट में लिया और हर घंटे 14 लोगों की जान गई. ये आंकड़े फिक्र बढ़ा रहे हैं, लेकिन इस वक्त घबराने से ज्यादा सतर्क रहने की और एहतियात बरतने की जरूरत है, क्योंकि माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा वेरिएंट की तुलना में हल्के होते हैं. ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर हर किसी को अस्पताल पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ रही है. होम आइसोलेशन और डॉक्टर की सलाह पर अमल करके भी वायरस को मात दी जा सकती है.



गाइडलाइन में कहा गया है कि हल्के और बिना लक्षण वाले केस में मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और कोमॉर्बिड मरीज उनका इलाज कर रहे डॉक्टर की इजाजत पर. लेकिन ध्यान रहे कि घर में सेल्फ आइसोलेशन और परिवार के सदस्यों के क्वारंटाइन रहने के लिए पर्याप्त जगह हो. कोई ऐसा शख्स भी घर में हो, जिसे वैक्सीन की दोनों डोज लगी हो और वो मरीज की 24X7 देखभाल के लिए मौजूद रहे. पूरे आइसोलेशन पीरियड में मरीज की देखभाल करने वाले को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए.

अब सवाल ये कि होम आइसोलेशन में मरीज को क्या करना होगा तो सबसे पहले डॉक्टर की सुझाई दवाओं को तय समय पर लें. मरीज एक हवादार कमरे में रहे और ताजी हवा अंदर आने देने के लिए खिड़कियां खुली रखे. शरीर को ज्यादा से ज्यादा आराम दें और ज्यादा से ज्यादा तरल आहार लें. समय-समय पर हाथ को साबुन से धोते रहें या फिर सैनेटाइजर से साफ करते रहें. हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए और अगर मास्क गीला हो जाता है या दिखने में गंदा हो जाता है, तो 8 घंटे के बाद या उससे पहले मास्क को हटा देना चाहिए. होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस के मुताबिक तारीख और समय के साथ शरीर का तापमान, हार्ट रेट, ऑक्सीजन लेवल और तबीयत कैसी महसूस हो रही है इसके बारे में लिखकर रखने की सलाह दी गई है और अगर सही महसूस नहीं हो रहा है, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.

अगर 3 दिन तक बुखार लगातार 100 डिग्री से ज्यादा हो, सांस लेने में मुश्किल हो और सांस फूलने लगे, 1 घंटे में ली गई 3 रीडिंग में अगर ऑक्सीजन का स्तर 93 फीसदी से कम हो जाए, सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस हो, मेंटल कंफ्यूजन, गंभीर थकान, बदन दर्द हो. लेकिन जब तक ऐसी नौबत न आए तब तक पैनिक न हों, क्योंकि जिन मरीजों ने कोरोना को होम आइसोलेशन में मात दी है और अब पूरी तरह स्वस्थ हैं उनसे बात करने पर सामने आया है कि पॉजिटिव एटीट्यूड से कोविड नेगेटिव होने का रास्ता आसानी से तय हो जाता है. पिछले कुछ दिनों में अचानक से बढ़े कोरोना के मामलों के बाद दवाओं की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है.

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