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पश्चिम बंगाल में कोरोना के 15421 नए मरीज मिले

 पश्चिम बंगाल में कोरोना के 15421 नए मरीज मिले हैं. अकेले कोलकाता में कोरोना के 6 हजार 569 मरीज मिले. कोलकाता में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 44 फीसदी को पार कर गई है. ये देश में किसी भी शहर में सबसे ज्यादा है. गुजरात में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. एक दिन में 4213 नए मरीज सामने आ चुके हैं. इस खतरे को देखते हुए गुजरात सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात समिट टाल दिया है. 10 से 12 जनवरी तक ये समिट होना था. दूसरे शहरों में कोरोना विस्फोट कैसे हो रहा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण अमृतसर से सामने आया. इटली से आई एयर इंडिया की फ्लाइट में 179 लोगों में से 125 कोरोना पॉजिटिव थे.




इन सारी खबरों के बीच भले ही कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं. दावा ये किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन फेफड़ों को ज्यादा संक्रमित नहीं कर रहा, इससे सांस लेने में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होती. SPO2 लेवल गिरने के मामले में कम हैं, लेकिन सच ये भी है कि हालात को बदलते देर नहीं लगेगी. अगर रोज लाखों केस सामने आने लगे और फिर उनमें से हजारों लोगों को अस्पताल में एडमिट करना पड़ गया, तब क्या होगा. क्या हालात दूसरी लहर से बदतर हो जाएंगे. सवाल तो पूछे जा रहे हैं. हालांकि अभी तक बड़े शहरों से जो रिपोर्ट मिली है, उससे पता चलता है कि मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन ICU और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स पर उतना प्रेशर नहीं है.

सिर्फ एहतियात ही आपको कोरोनावायरस के संक्रमण से बचा सकती है, फिर चाहे वो पुराने वेरिएंट हों या फिर ओमिक्रॉन. हालांकि ज्यादा संक्रामक होने की वजह से ओमिक्रॉन लोगों को तेजी से चपेट में तो ले रहा है, लेकिन ज्यादातर में हल्के लक्षण ही हैं और इसलिए सभी को ऑक्सीजन बेड या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है. फिलहाल ज्यादातर लोग होम आइसोलेशन में ही सही हो रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस में बदलाव किया है, जिसके मुताबिक कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा.

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