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घरेलू नुस्खों और आयुर्वेद की मदद से एसिडिटी की समस्या से पाए तुरंत छुटकारा


अधिकतर लोगों को मसालेदार और चटपटा खाना पसंद होता है। इस तरह का खाना खाने से पेट में जलन या एसिडिटी की शिकायत होना आम बात है। अगर एक बार एसिडिटी हो जाए तो कई घंटों तक हालत ख़राब रहती है। एसिडिटी में पेट में काफी ज्यादा जलन महसूस होती है। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा एक ऐसी पद्धति है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसके अलावा घरेलू नुस्खों की मदद से आयुर्वेद का उपयोग करके एसिडिटी की समस्या से तुरंत छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं एसिडिटी के इलाज में आयुर्वेद का उपयोग कैसे किया जा सकता है -

एसिडिटी के कारण व लक्षण - जंकफूड व मसालेदार खाना खाने से, अल्कोहल या अन्य नशीले पदार्थ लेने से, काफी लंबे वक़्त तक दवाइयां लेने से एसिडिटी की समस्या होती है। इसके अलावा रात का खाना देर से खाने, पेट भरा होने पर भी कुछ ना कुछ खाते रहने से या फिर एक लंबे वक्त तक कुछ ना खाने और एकदम काफी खाना खाने से भी एसिडिटी की समस्या होती है। एसिडिटी होने से पेट में जलन की शिकायत होने लगती है। इस वजह से पेट में गैस बनाना, खट्टी और कड़वी डकारें आना, उल्टी के आने का अहसास होना, भारीपन, थकान और सिर दर्द का होना जैसी शिकायत रहती है।

इस तरह आयुर्वेद से पाएं एसिडिटी से छुटकारा -

1. एसिडिटी से छुटकारा पाने में अदरक काफी असरदार है। अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में डाल कर उबाल लें। इस तरह अदरक का रस पानी में घुल जाएगा। इस पानी में चाय भी बनाई जा सकती है।

2. नीम की छाल को सुखाकर, अगर इसका चूर्ण बनाया जाए तो इसके सेवन से एसिडिटी दूर होती है। अगर चाहें तो नीम की छाल को रात भर पानी में भिगोकर इसके पानी का सुबह के समय सेवन कर सकते हैं। इससे एसिडिटी में आराम मिलता है।

3. आंवले के चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। इसका उपयोग कई रोगों के उपचार में औषधि के रूप में किया जाता है। अगर एसिडिटी हो तो सुबह और शाम आंवले के चूर्ण को पानी के साथ लेना चाहिए।

4. गुलकंद या मुनक्के से भी एसिडिटी की समस्या दूर होती है। इनमें से किसी एक को दूध में उबाल कर पीने से एसिडिटी दूर होती है।

5. मुलेठी का चूर्ण बनाकर या इसके काढ़े से भी एसिडिटी की समस्या दूर होती है। इसके काढ़े से गले की जलन भी दूर होती है।

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