आखिर क्यों हमारे देश में लगातार बढ़ रही किन्नरों की संख्या वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
जैसा की आप सभी जानते है की, बच्चे के जन्म से पहले हर माता-पिता की अलग-अलग ख्वाहिश रहती है की उन्हें बेटा या बेटी चाहिए. कोई भी यह नहीं चाहता है की, वह किन्नर बच्चे को जन्म दें. लेकिन गर्भवती के समय कुछ गलतियों की वजह से किन्नर बच्चा पैदा होने की संभावना रहता हैं।
किन्नर बच्चे आम घरों में भी पैदा होते है. जब माता-पिता को इस बात की जानकारी मिलती है तो वह उस बच्चे को खुद किन्नरों के हवाले कर देते है या किन्नर लोग खुद उस बच्चे को लेकर उसका पालन पोषण करते हैं.
दरअसल गर्भवती के शुरुवात के 3 महीने में ही शिशु का विकास शुरू होता है।
और बच्चे का रूप निर्धारित होता है इसीलिए इस समय बेहद ध्यान रखना जरुरी होता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के शुरुवात में अगर महिला बीमारी या कोई अन्य समस्या होती है
तो गर्भ में हार्मोन्स की समस्या की वजह से शिशु के अंदर महिला और पुरुष दोनों के ऑर्गन्स आने लगते है
. साथ ही इस अवस्था में महिला को कोई भी ऐसी हैवी दवा नहीं लेनी चाहिए जिससे शिशु को नुकसान हो सकता हैं.
गर्भवती महिला को डॉक्टर के सलाह के बिना गर्भपात की दवा नहीं लेना चाहिए,वरना किन्नर बच्चा पैदा होने का खतरा बढ़ता हैं.
किन्नर बच्चे आम घरों में भी पैदा होते है. जब माता-पिता को इस बात की जानकारी मिलती है तो वह उस बच्चे को खुद किन्नरों के हवाले कर देते है या किन्नर लोग खुद उस बच्चे को लेकर उसका पालन पोषण करते हैं.
दरअसल गर्भवती के शुरुवात के 3 महीने में ही शिशु का विकास शुरू होता है।
और बच्चे का रूप निर्धारित होता है इसीलिए इस समय बेहद ध्यान रखना जरुरी होता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के शुरुवात में अगर महिला बीमारी या कोई अन्य समस्या होती है
तो गर्भ में हार्मोन्स की समस्या की वजह से शिशु के अंदर महिला और पुरुष दोनों के ऑर्गन्स आने लगते है
. साथ ही इस अवस्था में महिला को कोई भी ऐसी हैवी दवा नहीं लेनी चाहिए जिससे शिशु को नुकसान हो सकता हैं.
गर्भवती महिला को डॉक्टर के सलाह के बिना गर्भपात की दवा नहीं लेना चाहिए,वरना किन्नर बच्चा पैदा होने का खतरा बढ़ता हैं.
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