सूरज हमारे चांद को नष्ट कर देगा, जानिए सौर मंडल से जुडी अद्भुत बातें
सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल।
सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, जो मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं।
काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है।
500 करोड़ सालों के बाद सूरज हमारे चांद को नष्ट कर देगा।
लगभग 500 करोड़ सालों के बाद सूरज की अंदरूनी हाइड्रोजन बहुत कम हो जाएगी। इस वजह से पहले सूरज छोटा होगा और फिर लगातार बड़ा होता जाएगा। सूरज इतना बड़ा हो जाएगा कि पृथ्वी की कक्षा (ऑर्बिट) तक पहुंच जाएगा। इस विशाल रूप को "रैड जायंट" कहा जाता है।
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