आम आदमी पार्टी से होगी कड़ी टक्कर देखना होगा दिलचस्प क्या दिल्ली में 2015 के इतिहास को दोहराया जाएगा...
नई दिल्ली चुनाव :- दोस्तों भाइयों और मेरे प्यारे साथियों आगामी 2020 में 8 फरवरी को दिल्ली में मतदान होना चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है ,और उसी बीच 11 फरवरी को चुनाव के risult नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में इस बार जोरदार मुकाबला अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच देखने को मिलेगा। चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पिछले 5 वर्ष के कामकाज गिनाते हुए साल 2015 का प्रदर्शन दोहराने का दावा कर रहे हैं ,9वहीं भाजपा 2019 लोकसभा चुनाव नतीजों के सहारे कार्यकर्ताओं में जोश भर रही है।
तो कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में बढ़ा वोट प्रतिशत उनको एक बार फिर दिल्ली में अपनी जमीन मजबूत करने की तरफ आकर्षित कर रहा है। हालांकि जबतक चुनाव नतीजे नहीं आते कुछ भी कहना मुश्किल है लेकिन एक बात तो निश्चित है कि अगर लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट प्रतिशत बढ़ता है तो इसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ेगा और वह 2015 में किए गए अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पाएगी। तो आइए पहले दिल्ली में विधानसभा गठन के पहले साल से लेकर अब तक के बारे में जानते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि 2020 का चुनाव किस तरफ इशारा कर रहा है।
दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों में से 67 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
जबकि तीन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के हिस्से में कोई भी सीट नहीं आई थी। इस बार होनेवाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 1,43,16,453 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। 13 हजार 757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। चुनाव में कम से कम 90 हजार चुनावी कर्मचारियों की जरूरत होगी। इस बार दिल्ली विधानसभा के सभी निर्वाचन क्षेत्रों की सूची को देखें तो पता चलेगा कि वर्तमान में, 12 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए पहले से हीआरक्षित हैं।
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