भारत की ये सबसे पुरानी धरोहर नगरी अपने आप मे समेटे है करोड़ो राज जाने इसकी सच्चाई
मेरे प्यारे साथियों आज हम दुनिया के सबसे पुराने .शहर के बारे में बताने बाले हैं। जी हाँ दोस्तों अगर आपने अभी तक हमारे न्यूज़ चैनल को फॉलो नही किया है तो प्ल्ज़ अभी फॉलो करें।
निर्मल गंगा की तरह पवित्र शिव की नगरी काशी, जहां मोक्ष पाने के लिए वृद्धावस्था में लोग अक्सर जाने की इच्छा रखते हैं। इस शहर का सबसे ज्यादा महत्व काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर है लेकिन इस मंदिर के अलावा यहां कई अन्य जगह हैं, जिसे आपको जरूर देखना चाहिए। देश विदेश में तो कई जगह यात्रा की होगी लेकिन अभी तक अगर काशी यात्रा नहीं कर पाए हैं तो सफरनामा अधूरा रह जाएगा।
तुलसी दास मानस मंदिर की अपनी अलग ही खासियत है। यहां जो भी दर्शनार्थी आते हैं वो यहां के हो जाते हैं। तुलसी मानस मंदिर की सभी दीवारों पर रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी हैं। मान्यताओं के अनुसार वर्ष 1964 में कोलकाता के एक व्यापारी रतनलाल सुरेका ने तुलसी मानस मंदिर का निर्माण करवाया था।
मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था। तुलसी मानस मंदिर जाने के लिए आप वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचकर दुर्गाकुंड जाएं। स्टेशन से सात किमी की दूरी पर स्थित दुर्गाकुंड के पास मंदिर है।
विश्वास करना मुश्किल हैं लेकिन अपने घाटों को लेकर मशहूर वाराणसी में कुल 84 घाट हैं। देश से लेकर विदेश तक के लोग काशी के घाटों को देखने आते हैं। यहां आने पर लोग गंगा में स्नान करते हैं और यहां पर बोटराइड भी करते हैं। बनारस के घाटों पर होने वाली आरती का मनोरम नजारा जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।
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