महा शिवरात्रि पर शिव भगतो को क्या करना चाहिए ,पढ़े पूरी जानकारी
महाशिवरात्रि पावन पर्व है. इस दिन पारस परिवार के मुखिया श्रीपारस भाई जी
भगवान भोलेनाथ में विलीन रहते हैं. महाशिवरात्रि के दिन पारस भाई जी गरीब लोगों की सेवा, अनाथ बच्चों को सहारा देना, भंडारा, शिव चर्चा जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. बाबा भोलेनाथ के परम भक्त श्रीपारस भाई जी ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया शिव की आराधना करने से भक्तों पर कृपा कैसे बरसती है. महाशिवरात्रि को लेकर श्रीपारस भाई जी (Paras Bhai Ji) ने अपने भक्तों को संदेश देते हुए कहा कि इसी दिन महादेव माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए जो भक्त महाशिवरात्रि के दिन महादेव का विधि विधान से पूजन व्रत करते हैं, महादेव अति शीघ्र उस पर प्रसन्न होते हैं मनोकामना को पूरा करते हैं.
श्रीपारस भाई जी ने कहा कि इस बार महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखना विशेष फलदायी है. उन्होंने महाशिवरात्रि की तिथि समय के बारे में कहा कि हिंदू पंचांग के मुताबिक, महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस बार देवाधिदेव भगवान शिव को समर्पित यह महाशिवरात्रि का पर्व एक महासंयोग लेकर आएगा, जोकि शिवभक्तों को विशेष फलदायी होगा. त्रयोदशी की उदया तिथि में शिवयोग तो प्रदोष रात्रि में सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग होगा.
श्रीपारस भाई जी ने कहा कि महाशिवरात्रि का दिन व्रत पूजा के लिहाज से काफी लाभकारी है. इस दिन चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. 11 मार्च को सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा. इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा, जोकि 12 मार्च सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस तरह चतुर्दशी तिथि सिद्ध योग में शुरू होगी, लेकिन भक्त 11 मार्च के दिन इस व्रत को रहेंगे. ऐसे में शिव योग के दौरान श्रद्धापूर्वक जाप किए गए मंत्र उनके लिए शुभफलदायक होंगे. वहीं, अगर वे लंबे समय से किसी काम को कराने की कोशिश कर रहे हैं वो काम पूरा नहीं हो पा रहा तो वे सिद्ध योग में महादेव के समक्ष अपनी मनोकामना रखकर उनका माता पार्वती का श्रद्धापूर्वक ध्यान करें. उन्हें अवश्य सफलता मिलेगी.
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