कोरोना के कारण इस बार गणेश चतुर्थी और ऋषि पंचमी पर नहीं होगा ताप्ती तट पर पूजन, सरकार ने जारी किए नियम, उलघ्घन करने पर...
दोस्तो हम आपको बता दें कि गणेश चतुर्थी और ऋषि पंचमी पर ताप्ती तट पर पूजन नही होगा।
कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष ताप्ती तट पर काजल तीज पर्व पर महिलाएं पूजन नहीं कर सकेंगी। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी तथा ऋषि पंचमी पर भी प्रशासन द्वारा ताप्ती तट पर पूजन पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोई सार्वजनिक आयोजन भी संपन्ना नहीं किए जा सकेंगे। सीएमओ राहुल शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए काजल तीज, गणेश चतुर्थी तथा ऋषि पंचमी पर्व लोग घरों पर रहकर ही मनाएं तथा किसी भी प्रकार का कोई सार्वजनिक आयोजन न करें।
आदेशों एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। प्रतिवर्ष काजल तीज पर नगर सहित आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सुबह ताप्ती तट गौर लेने पहुंचती थी। इससे प्रशासन को सतर्कता एवं सुरक्षा के दृष्टिगत कड़े इंतजाम करना पड़ता था। काजल तीज के दूसरे दिन चतुर्थी पर जहां महिलाएं फिर सुबह गौर विसर्जन करने पहुंचती थी वहीं चतुर्थी के दूसरे दिन ऋषि पंचमी पर नगर, क्षेत्र एवं पूरे जिले सहित अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए ताप्ती तट पहुंचते थे। इसके लिए पुलिस प्रशासन को व्यापक सुरक्षा प्रबंध करना पड़ता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण नगर प्रशासन द्वारा ताप्ती तट पर किसी भी आयोजन सहित अन्य सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
त्योहारों के बावजूद सूना रहेगा
काजल तीज, गणेश चतुर्थी सहित ऋषि पंचमी पर्व पर विशेष तौर पर ताप्ती तट पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। तीनों ही दिन पवित्र नदियों में पूजन की मान्यता होने से दूर-दूर से श्रद्धालु ताप्ती तट पर पहुंचकर स्नान एवं ध्यान करते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल के कारण तीनों त्योहारों पर ताप्ती तट सूना रहेगा। नगर प्रशासन द्वारा इसके लिए विशेष तौर पर आदेश जारी करते हुए लोगों को सूचना दी जा रही है ताकि ताप्ती तट पर किसी भी प्रकार की भीड़ ना हो सके।
अखिल विश्व गायत्री परिवार मना रहा सार्थक पर्यावरण गणेशोत्सव
गणेशोत्सव पर इस वर्ष अखिल विश्व गायत्री परिवार सार्थक पर्यावरण गणेश उत्सव मनाने जा रहा है। इसमें आठ औषधीय पौधे सहित बेलपत्र के साथ मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। बुधवार को ग्राम बोदरली में वृक्ष गंगा अभियान से जुड़े युवाओं और स्कूली बच्चों ने मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति बनाई।
गायत्री शक्तिपीठ बुरहानपुर और गौलोक धाम खड़कोद में ट्री-गणेशा श्रद्धालु के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इस सार्थक प्रयास से नदी तालाबों को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सके गा। अनंत चतुर्दशी पर मिट्टी की गणेश मूर्ति गमले में ही विसर्जन करेंगे। गायत्री परिवार के बसंत मोंढे एवं मनोज तिवारी ने बताया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति घुलनशील नहीं है। कई दिनों तक जल में ही मूर्ति का अवशेष पड़ा रहता है और जहरीला रसायन पानी को प्रदूषित कर देता है। इससे जलीय जीव भी नष्ट होते हैं। साथ ही गणेश मूर्ति के अवशेष अनुचित स्थान पर जहां तहां पड़े रहते हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष ताप्ती तट पर काजल तीज पर्व पर महिलाएं पूजन नहीं कर सकेंगी। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी तथा ऋषि पंचमी पर भी प्रशासन द्वारा ताप्ती तट पर पूजन पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोई सार्वजनिक आयोजन भी संपन्ना नहीं किए जा सकेंगे। सीएमओ राहुल शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए काजल तीज, गणेश चतुर्थी तथा ऋषि पंचमी पर्व लोग घरों पर रहकर ही मनाएं तथा किसी भी प्रकार का कोई सार्वजनिक आयोजन न करें।
आदेशों एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। प्रतिवर्ष काजल तीज पर नगर सहित आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सुबह ताप्ती तट गौर लेने पहुंचती थी। इससे प्रशासन को सतर्कता एवं सुरक्षा के दृष्टिगत कड़े इंतजाम करना पड़ता था। काजल तीज के दूसरे दिन चतुर्थी पर जहां महिलाएं फिर सुबह गौर विसर्जन करने पहुंचती थी वहीं चतुर्थी के दूसरे दिन ऋषि पंचमी पर नगर, क्षेत्र एवं पूरे जिले सहित अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए ताप्ती तट पहुंचते थे। इसके लिए पुलिस प्रशासन को व्यापक सुरक्षा प्रबंध करना पड़ता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण नगर प्रशासन द्वारा ताप्ती तट पर किसी भी आयोजन सहित अन्य सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
त्योहारों के बावजूद सूना रहेगा
काजल तीज, गणेश चतुर्थी सहित ऋषि पंचमी पर्व पर विशेष तौर पर ताप्ती तट पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। तीनों ही दिन पवित्र नदियों में पूजन की मान्यता होने से दूर-दूर से श्रद्धालु ताप्ती तट पर पहुंचकर स्नान एवं ध्यान करते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल के कारण तीनों त्योहारों पर ताप्ती तट सूना रहेगा। नगर प्रशासन द्वारा इसके लिए विशेष तौर पर आदेश जारी करते हुए लोगों को सूचना दी जा रही है ताकि ताप्ती तट पर किसी भी प्रकार की भीड़ ना हो सके।
अखिल विश्व गायत्री परिवार मना रहा सार्थक पर्यावरण गणेशोत्सव
गणेशोत्सव पर इस वर्ष अखिल विश्व गायत्री परिवार सार्थक पर्यावरण गणेश उत्सव मनाने जा रहा है। इसमें आठ औषधीय पौधे सहित बेलपत्र के साथ मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। बुधवार को ग्राम बोदरली में वृक्ष गंगा अभियान से जुड़े युवाओं और स्कूली बच्चों ने मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति बनाई।
गायत्री शक्तिपीठ बुरहानपुर और गौलोक धाम खड़कोद में ट्री-गणेशा श्रद्धालु के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इस सार्थक प्रयास से नदी तालाबों को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सके गा। अनंत चतुर्दशी पर मिट्टी की गणेश मूर्ति गमले में ही विसर्जन करेंगे। गायत्री परिवार के बसंत मोंढे एवं मनोज तिवारी ने बताया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति घुलनशील नहीं है। कई दिनों तक जल में ही मूर्ति का अवशेष पड़ा रहता है और जहरीला रसायन पानी को प्रदूषित कर देता है। इससे जलीय जीव भी नष्ट होते हैं। साथ ही गणेश मूर्ति के अवशेष अनुचित स्थान पर जहां तहां पड़े रहते हैं।
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