आखिर ज्यादातर लोगो का सपना मुंबई जाने का क्यों होता है
गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई शहर में समुद्र तट पर स्थित है। यह मुंबई का बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। यह 26 मीटर ऊंचा द्वार है, जिसे ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम और रानी मेरी की भारत यात्रा की याद में बनाया गया था।
इसके बनाने वाले थे जॉर्ज विटेट। यह वर्ष 1924 में बनकर तैयार हुआ था और आजादी के बाद अंतिम ब्रिटिश सेना इसे द्वार से होकर गई थी। समुद्र के रास्ते मुंबई आने वाले सबसे पहले इसी द्वार पर पहुंचते हैं। गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई शहर का पर्यायवाची बन गया है और पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिंदु है। गेटवे ऑफ इंडिया की आधारशिला मुंबई के राज्यपाल द्वारा 31 मार्च 1913 को रखी गई थी। इसमें चार मीनारें हैं।
पत्थरों पर को दी गई बारीक पच्चीकारी है। इसका केवल गुंबद निर्मित करने में 2100000 रुपए का खर्च आया था। यह भारतीय सांसैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी वास्तु कला में गुजराती सहेली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह अपने आप में अत्यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्फ की प्रतिकृति है। यह गेटवे विशाल अरब सागर की ओर बनाया गया है, जो मुंबई शहर के एक अन्य आकर्षण मैरीन ड्राइव से जुड़ा है। यह भव्य स्मारक रात के समय देखने योग्य होता है जब इसकी विशाल भव्यता समुद्र की पृष्ठभूमि में दिखाई देती है। यहां प्रतिवर्ष दुनियाभर के लाखों लोग आते हैं और यह मुंबई का एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह शहर की संस्कृति को परिभाषित करता है।
इसके बनाने वाले थे जॉर्ज विटेट। यह वर्ष 1924 में बनकर तैयार हुआ था और आजादी के बाद अंतिम ब्रिटिश सेना इसे द्वार से होकर गई थी। समुद्र के रास्ते मुंबई आने वाले सबसे पहले इसी द्वार पर पहुंचते हैं। गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई शहर का पर्यायवाची बन गया है और पर्यटन की दृष्टि से आने वाले अधिकांश लोगों का आरंभिक बिंदु है। गेटवे ऑफ इंडिया की आधारशिला मुंबई के राज्यपाल द्वारा 31 मार्च 1913 को रखी गई थी। इसमें चार मीनारें हैं।
पत्थरों पर को दी गई बारीक पच्चीकारी है। इसका केवल गुंबद निर्मित करने में 2100000 रुपए का खर्च आया था। यह भारतीय सांसैनिक शैली में निर्मित भवन है, जबकि इसकी वास्तु कला में गुजराती सहेली का भी कुछ प्रभाव दिखाई देता है। यह अपने आप में अत्यंत मनमोहक और पेरिस में स्थित आर्क डी ट्रायम्फ की प्रतिकृति है। यह गेटवे विशाल अरब सागर की ओर बनाया गया है, जो मुंबई शहर के एक अन्य आकर्षण मैरीन ड्राइव से जुड़ा है। यह भव्य स्मारक रात के समय देखने योग्य होता है जब इसकी विशाल भव्यता समुद्र की पृष्ठभूमि में दिखाई देती है। यहां प्रतिवर्ष दुनियाभर के लाखों लोग आते हैं और यह मुंबई का एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह शहर की संस्कृति को परिभाषित करता है।
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