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पूरा करें नासा का ये चेलेंज, नासा (NASA) देगा 26.08 लाख रुपए, जानिए

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एंजेंसी नासा ने एक चैलेंज दिया है. जो चैलेंज पूरा करेगा उसे 26.08 लाख रुपए का प्राइज मिलेगा. चैलेंज ये है कि अंतरिक्ष और चांद पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए टॉयलेट डिजाइन करना है. जो तीन डिजाइन बेस्ट होंगे उनमें ये राशि बांटी जाएगी।

  • स्पेस या चांद पर एस्ट्रोनॉट्स को टॉयलेट जाने के लिए अत्याधुनिक टॉयलेट की जरूरत पड़ेगी. ये टॉयलेट ऐसा हो जो हल्का हो और बेहतरीन रिसाइकिलिंग भी कर सके. अगर नासा का ये चैलेंज कोई पूरा करता है वह लाखों रुपए कमा सकता है।

  • नासा को अपने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बाथरूम संबंधी समस्याओं के समाधान की जरूरत है. 1975 में जब अपोलो मिशन खत्म हुआ तब इंजीनियरों ने मलमूत्र विसर्जन को अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक गंभीर चुनौती बताया था।

  • जिसकी डिजाइन बेस्ट होगी उसे 15 लाख रुपए, दूसरे को 7.60 लाख और तीसरे 3.80 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा. नासा 2024 में अपने अर्टेमिस मून मिशन के जरिए पहली बार किसी महिला को चांद पर भेजने वाला है. ऐसे में एक यूनीसेक्स टॉयलेट की जरूरत पड़ेगी।

  • नासा के इस चैलेंज में डिजाइन भेजने की अंतिम तारीख 17 अगस्त है. इसका रिजल्ट अक्टूबर में जारी किया जाएगा. टॉयलेट ऐसा होना चाहिए जो माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्षीय गुरुत्वाकर्षण) और लूनर ग्रैविटी (चांद की गुरुत्व शक्ति) में काम करने लायक हो।




  • इस टॉयलेट की जरूरत इसलिए है ताकि अंतरिक्ष यात्री ज्यादा समय तक स्पेस या चांद पर बिता सकें. माना जा रहा है कि नासा की योजना चांद पर एक बेस कैंप बनाने की है जहां लोग लंबे समय तक रह सकें।


  • नासा ने इस चैलेंज को लूनर लू नाम दिया है. नासा ने अपने बयान में कहा है कि स्पेस टॉयलेट्स पहले से मौजूद हैं. उपयोग भी हो रहा है. नासा अर्टेमिस मिशन के तहत चांद से मंगल तक रिसर्च करेगा. इसके लिए नासा ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम प्रोग्राम भी तैयार कर रहा है।

  • नासा के विशेषज्ञ अपने व्यवसायिक साझेदारों के साथ मिल कर उनके ह्यूमन लैडिंग सिस्टम पर काम करेंगे. इस समय नासा का ध्यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़े स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन की सफलतापूर्वक वापसी पर है. इसकी सफलता पर ही नासा की आगे की योजना निर्भर करती है।

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