कभी भी बिना कपड़ों के न करे ये काम, वरना पड़ सकता है पछताना
शास्त्रों और पुराणों में मनुष्य के कल्याण के लिए कई नियम बताए गए हैं। उनके अनुसार सुख शांति और कल्याण की चाहत रखने वाले मनुष्य को तीन समय पर निर्वस्त्र नहीं रहना चाहिए.....
1. विष्णु पुराण के बारहवें अध्याय में कहा गया है कि स्नान के समय मनुष्य को निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं में चीरहरण कर यही संदेश दिया था कि मनुष्य को स्नान के समय निर्वस्त्र नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे जल के देवता का अपमान होता है।
2. सोते समय मनुष्य को निर्वस्त्र नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से रात्रि के देवता चन्द्रमा का अपमान होता है। ऐसी भी मान्यता है कि रात के समय पितृगण अपने परिजनों को देखने आते-रहते हैं। अपने परिजनों को निर्वस्त्र देखकर उन्हें कष्ट होता है।
1. विष्णु पुराण के बारहवें अध्याय में कहा गया है कि स्नान के समय मनुष्य को निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं में चीरहरण कर यही संदेश दिया था कि मनुष्य को स्नान के समय निर्वस्त्र नहीं रहना चाहिए क्योंकि इससे जल के देवता का अपमान होता है।
2. सोते समय मनुष्य को निर्वस्त्र नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से रात्रि के देवता चन्द्रमा का अपमान होता है। ऐसी भी मान्यता है कि रात के समय पितृगण अपने परिजनों को देखने आते-रहते हैं। अपने परिजनों को निर्वस्त्र देखकर उन्हें कष्ट होता है।
3. अपने हाथों में जल लेकर देवताओं को अर्पित किया जाता है। इस प्रक्रिया को आचमन कहा जाता है। जब भी आप इस तरह से निर्वस्त्र होकर हाथों में जल लेते हैं तो इससे देवताओं का अपमान होता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति के चरित्र की हानि होती है।
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