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भारतीय क्रिकेट टीम का दूसरा गावस्कर कहा जाता था ये खिलाड़ी, लेकिन इस वजह से खत्म हो गया कैरियर

आइये जानते हैं उस बल्लेबाज के बारे में जिसकी तकनीक की तुलना होती थी सुनील गावस्कर के साथ

दोस्तो इस बल्लेबाज ने भले ही भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से ज्यादा लंबा करियर नहीं बना सके लेकिन उनकी बल्लेबाजी तकनीक देखते ही बनती थी जिसके सहारे उन्होंने एक खास नाम भी किया लेकिन वहीं कि वो अपना करियर लंबा नहीं खींच सके।


संजय मांजरेकर जिनकी बल्लेबाजी तकनीक थी बहुत खूबसूरत

ये बल्लेबाज हैं मौजूदा दौर में कमेन्ट्री की दुनिया में बड़ा ना बन चुके भारत के पूर्व क्रिकेट संजय मांजरेकर… जी हां आपने सही सुनी संजय मांजरेकर एक बहुत ही जबरदस्त तकनीकी दक्षता वाले खिलाड़ी रहे हैं।

वैसे तो भारतीय क्रिकेट अभी बंद पड़ा हुआ है जिस कारण से संजय मांजरेकर इतनी ज्यादा चर्चा में नहीं है, लेकिन आज हम उनकी बात इसलिए कर रहे हैं कि हाल ही में उन्होंने अपने जीवन के 55 साल पूरे किए हैं। संजय मांजरेकर का जन्म 12 जुलाई 1965 को मंगलौर में भारत के दिग्गज क्रिकेटर रह चुके विजय मांजरेकर के घर हुआ।


संजय मांजरेकर की तकनीक देख विव रिचर्ड्स ने उन्हें कहा अगला गावस्कर

को पिता विजय मांजरेकर के कारण क्रिकेट का माहौल शुरू से ही घर में मिला जिसके बाद उन्होंने भी भारतीय क्रिकेट टीम में साल 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर का आगाज किया। यहां पर वो ज्यादा कुछ खास तो नहीं कर सके लेकिन उन्होंने ये तो दिखा दिया कि उनकी बल्लेबाजी तकनीक खास है। वो
इसके बाद 1989 में भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के दौर पर गई जहां उन्होंने ब्रिजटाउन में शानदार 108 रनों की पारी खेल दिखाया कि उनमें काबिलियत है। वेस्टइंडीज के बड़े गेंदबाजों के सामने इस युवा बल्लेबाज ने अच्छी पारी खेली। इस दौरे पर संजय मांजरेकर का प्रदर्शन बहुत शानदार रहा और इसी कारण से महान बल्लेबाज विव रिचर्ड्स ने उन्हे भारत का अगला सुनील गावस्कर कह डाला। विव रिचर्ड्स ने अपने बयान में कहा संजय में ,भारत ने एक गावस्कर पाया है। उसके पास सबकुछ है। उत्कृष्ट तकनीक, हिम्मद और दृढ़ संकल्प।

संजय मांजरेकर ने जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के खिलाफ किया जबरदस्त प्रदर्शन

भारतीय टीम इसके बाद जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ 1992 में पहली बार टेस्ट खेलने उतरी। जिम्बाब्वे की टीम ने भारत के सामने 456 रनों का स्कोर खड़ा कर लिया और भारत के शुरुआती विकेट जल्द ही ले लिए यहां से भारत मुश्किल स्थिति में था लेकिन संजय मांजरेकर ने मैराथन पारी खेल 422 गेंद में 9 घंटे क्रीज पर रहकर 104 रन की पारी खेली। इस पारी ने उन्हें पहचान दिलायी।

इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ संजय मांजरेकर ने कमाल किया। पूरे पाकिस्तानी के खिलाफ उनके बल्ले से रन निकले और उन्होंने 4 टेस्ट मैचों में 2 शतक और 3 अर्धशतक की मदद से 569 रन बनाए। इसके बाद उनका कद बढ़ने लगा।


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