टेक्निकल कम्पनियों मची हाहाकार मजदूरों को वापस आने के लिए दे रही अनोखे ऑफर जाने मजदूरों का हाल
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के अपने गृह राज्य लौट जाने की वजह से निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनियां श्रमिकों की कमी का सामना कर रही है.ऐसे में वे श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए हरसंभव कोशिशों में लगी हैं।
सरकार द्वारा Unlock 1.0 को लागू किए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हो गई हैं.ऐसे में कई बड़ी कंपनियां श्रमिकों को वापस काम पर बुलाने के लिए फ्लाइट की टिकट और अधिक भुगतान की पेशकश कर रही हैं.कंपनियां अपने वर्तमान प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए श्रमिकों को इस तरह की पेशकश कर रही हैं.बेंगलुरु की एक प्रमुख निर्माण कंपनी के एक ठेकेदार ने बिहार के 10 कारपेंटरों को हैदराबाद के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए फ्लाइट के टिकट की व्यवस्था की।
सरकार द्वारा Unlock 1.0 को लागू किए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हो गई हैं.ऐसे में कई बड़ी कंपनियां श्रमिकों को वापस काम पर बुलाने के लिए फ्लाइट की टिकट और अधिक भुगतान की पेशकश कर रही हैं.कंपनियां अपने वर्तमान प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए श्रमिकों को इस तरह की पेशकश कर रही हैं.बेंगलुरु की एक प्रमुख निर्माण कंपनी के एक ठेकेदार ने बिहार के 10 कारपेंटरों को हैदराबाद के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए फ्लाइट के टिकट की व्यवस्था की।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रवासी मजदूरों के अपने गृह राज्य लौट जाने की वजह से निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनियां श्रमिकों की कमी का सामना कर रही है.ऐसे में वे श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए हरसंभव कोशिशों में लगी हैं.केंद्र सरकार द्वारा Unlock 1.0 को लागू किए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से चालू हो गई हैं.ऐसे में कई बड़ी कंपनियां श्रमिकों को वापस काम पर बुलाने के लिए फ्लाइट की टिकट और अधिक भुगतान की पेशकश कर रही हैं.कंपनियां अपने वर्तमान प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए श्रमिकों को इस तरह की पेशकश कर रही हैं.बेंगलुरु की एक प्रमुख निर्माण कंपनी के एक ठेकेदार ने बिहार के 10 कारपेंटरों को हैदराबाद के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए फ्लाइट के टिकट की व्यवस्था की।
इसके अलावा रियल एस्टेट से जुड़े संगठन क्रेडाई के तेलंगाना यूनिट के एक सदस्य ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर बड़ी निर्माण कंपनियों ने प्रवासी मजदूरों के रहने एवं खाने का इंतजाम किया और उन्हें चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध करायीं.ऐसी कंपनियां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को घर जाने से रोकने में कामयाब रहीं.वही, उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के चावल के मिलों में काम करने वाले 90 फीसद से अधिक कर्मचारी बिहार के रहने वाले थे.
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