वैज्ञानिकों ने झूठा बताया 21 जून को दुनिया ख़त्म होने का दावा, माया कैलेंडर में किया जा रहा था दावा
साल 2020 की शुरुआत से दुनिया के अधिकांश देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं. इस बीच दुनिया के महाविनाश के दावे को लेकर चर्चा जोरों पर है. दरअसल, दक्षिण अमेरिकी देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले माया सभ्यता के कैलेंडर को लेकर पिछले कई सालों से दुनिया भर में चल रहे दावों की फेहरिस्त में अब एक और दावा जुड़ गया है।
षड़यंत्र की बात करने वाले लोगों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच 21 जून को पूरी दुनिया खत्म (End of The World) हो जाएगी. इस ताजे दावे के बाद से लोगों में खौफ का माहौल है और इंटरनेट पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है. साजिश के सिद्धांतकारों के साल 2012 के सर्वनाश की भविष्यवाणी करने वाले माया कैलेंडर में दावा किया गया था कि 21 जून 2020 को दुनिया समाप्त हो जाएगी, जिसे वैज्ञानिकों ने गलत बताया है।
द मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, एक वैज्ञानिक द्वारा एक विचित्र सिद्धांत ट्विटर पर शेयर किया गया था, जिसमें दुनिया के खात्मे को लेकर किया गया दावा ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है, जिसे वर्ष 1582 में लागू किया गया था. उस समय साल से 11 दिन कम हो गए थे. 11 दिन सुनने में बहुत कम लगते हैं, लेकिन लगातार 286 सालों से 11 दिन बढ़ते गए है. इस हिसाब से कई लोगों का दावा है कि हमें साल 2012 में होना चाहिए और इस दावे को वैज्ञानिक पाओलो तगलोगुइन के एक ट्वीट से और हवा मिल गई है।
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