सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने दिया एक और बड़ा झटका, अब और नही मिलेगी…
पिछले गुरुवार को ही केंद्र सरकार ने करीब 48 लाख कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) फ्रीज किया था. सरकार के इस फैसले का असर 54 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ा. अब इसके बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं की सरकार ट्रांसपोर्ट अलाउंस में भी कटौती कर सकती है. इस समय लगभग हर सरकारी कर्मचारी इसी की चिंता है और वे जगह चाहे वॉट्सऐप ग्रुप हों या सोशल मीडिया, इन्ही सब बातों पर चर्चा कर रहा है।
समाचार पत्र वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि अभी इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है. लेकिन वहीं अन्य अधिकारी का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो सरकार को एक महीने में ही इससे करीब 3500 करोड़ रुपये की बचत होगी. यदि किसी महीने देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों का ट्रांसपोर्ट अलाउंस रोक दिया जाए तो सरकार को इस मद में करीब 3500 करोड़ रुपये की बचत होगी।
वहीं केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अधिकारी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस अगला निशाना बन सकता है. ट्रांसपोर्ट अलाउंस कर्मचारियों को घर से ऑफिस पहुंचने और वहां से घर वापस जाने के लिए दिया जाता है. लॉकडाउन की वजह से पिछले महीने की 25 तारीख से ही कर्मचारियों का ऑफिस जाना बंद है. ऐसे में जब वह आफिस पहुंचे ही नहीं तो फिर ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर उनका दावा भी नहीं बनता है. इसलिए यदि अप्रैल महीने में इसका भुगतान नहीं भी किया जाता है तो कर्मचारियों का कोई विरोध भी नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को रोके जाने से सरकार हर महीने औसतन 1,000 करोड़ रुपये बचा सकती है. सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए 14,595 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लागत निर्धारित की थी. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में जारी लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को काफी गहरा नुकसान पहुंचा है।
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