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समुन्द्र तल से 700 फिट ऊपर इस मंदिर में छिपे हैं अनोखे राज रात में अपने आप अचानक शुरू हो जाती है पूजा

समुद्रतल से 700 फिट ऊपर सतपुड़ा की पहाड़ियों पर जंगल से घिरा प्राचीन किला, और किले में मौजूद प्राचीन शिव मंदिर! भारत मे ऐसा होना आम है कि किलें में मंदिर हो पर मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में असीरगढ़ के किले के शिव मंदिर में एक चमत्कारिक रहस्य है।


यहाँ स्थित गुप्तेश्वर मंदिर पर रोज़ आधी रात के बाद कोई शिवपूजन कर फूल अर्पित कर जाता है। बरसो से यह सिलसिला कायम है।

स्थानीय मान्यता है कि महाभारत में श्री कृष्ण से शापित द्रोण पुत्र "अश्वथामा" यह पूजन करते है। युगों युगों तक जीवित रह कर भटकने को शापित अश्वथामा के हिमालय, उत्तराखंड से लेकर हरियाणा तक मे देखे जाने की कथाएँ मिलती है।


परन्तु असिरेश्वर महादेव की कथा निराली है। जहाँ रोज़ उनकी उपस्थिति का प्रमाण भगवान शंकर पर अर्पित पुष्प से मिलता है। यह पुष्प रोज़ रात को अश्वथामा चढ़ाते है या कोई और, यह रहस्य है ।ऐसी जनचर्चा है कि कुछेक लोग अश्वथामा को देखने की ज़िद में अपना मानसिक संतुलन या नेत्र खो चुके है।कई लोग किसी सर पर घाव वाले व्यक्ति के दिखने या हल्दी तेल माँगने की बात कहते है परंतु इन बातों का कोई ठोस प्रमाण नही है।

रात को क़िले में जाने की अनुमति सामान्य रूप से किसी को भी नही है, परंतु कुछ समाचार चैनल के लोगो ने मंदिर में रातभर कैमेरा लगा कर रिकॉर्डिंग करने की कोशिश भी की, पर चमत्कारिक रूप से कोई व्यकि नही नज़र आया पर फूल अर्पित हो चुका था।इस बात के वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स विभिन्न सोशल साइट्स पर देखे जा सकते
है।

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