Breaking News

NRC प्रस्ताव को लेकर ओबेसी ओर अमितशाह में हुई भावात्मक नोकझोंक कहा इसमे हो रहा गरीबो का विरोध


  • दोस्तों अभी हाल ही में NRC कानून को लेकर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि एनपीआर हमारी पार्टी के घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं है. यह प्रक्रिया कांग्रेस ने शुरू की थी. इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. उन्होंने इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी पर भी जोरदार हमला बोला...

 


  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनपीआर पर बढ़े विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जनगणना व एनपीआर दोनों साथ चलने वाली प्रक्रियाएं हैं। यह 10 साल में होती हैं। 2011 में हुई थीं तो 2021 में होना जरूरी है। एनपीआर हमारे घोषणा पत्र का एजेंडा नहीं है। यह यूपीए सरकार का कानून है और यह अच्छी प्रक्रिया है। इसके लिए लाखों लोगों को ट्रेनिंग दी जानी है। हर राज्य में दफ्तर बनाए जाने हैं। हम अभी नहीं करेंगे तो यह समय से पूरा नहीं होगा। डेढ़ साल की प्रक्रिया है। अभी भी हम थोड़ा लेट हो गए हैं। 



  • सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि एनपीआर का निर्माण एनआरआईसी की तैयारी की दिशा में पहला कदम है। सूरज हमेशा पूरब से ही उगेगा, लेकिन क्या हम एनआरसी के प्रति आपकी भावनाओं के बारे में भी ऐसा ही कह सकते हैं?




  • अमित शाह ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर में कोई संबंध नहीं है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि दोनों अलग-अलग चीजें हैं। एनआरसी बहस का मुद्दा नहीं है, क्योंकि अभी इसे देशभर में लागू करने पर कोई विचार नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा कि इस पर अभी कैबिनेट या संसद में कोई बात नहीं हुई है।



  •  सरकार कुछ नया नहीं लाई है। एनपीआर का कोई डेटा एनआरसी के उपयोग में आ ही नहीं सकता है। एनपीआर में कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। अगर कोई जानकारी मौजूद नहीं है तो कोई बात नहीं। कुछ चीजें एनपीआर में नई हैं। इनके आधार पर योजनाओं का खाका बनता है। अगर कोई इसका विरोध करता है तो वह गरीबों का विरोध कर रहा है।


No comments