क्या आप जानते है कि रानी लक्ष्मी बाई के मरने के बाद उनके पुत्र का क्या हुआ था , जाने अनसुनी कहानी
आप सभी लोगों को झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के बारे में जरूर मालूम होगा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भारत की पहली स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानी जाती है। जिन्होंने सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ बगावत किया था। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई युद्ध में लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई थी। आप सभी लोगों को तो मालूम होगा ही कि रानी लक्ष्मीबाई के पिट के पीछे एक उनका बेटा भी था। बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु के बाद उनके बेटे का क्या हुआ।
जब अंग्रेजों ने झांसी की रानी को युद्ध में मार दिया था अंग्रेजों ने झांसी पर कब्जा कर लिया उसके बाद उनके बेटे दामोदर राव को आवारा छोड़ दिया था। दामोदर राव झांसी की गलियों में घुमते घूमते जंगलो में जाते और भीख मांगकर अपना गुजारा करता था। इस तरह से काफी समय गुजर गया तभी दामोदर नन्हे खान से संपर्क में आया।
नन्हे खान ने दामोदर को एक अंग्रेज अधिकारी फ्लिंक से मिलवाया। फ्लिंक जब मिले तो उन्हें सारी कहानी समझ आयी और उन्होंने ऊपर सिफारिश लगाई जिसके बाद में दामोदर दो सौ रूपये प्रति माह की पेंशन मिलने लगी। जिससे उन्होंने अपना गुजारा चलाया। दामोदर दास के बचपन का दिन गरीबी में गुजरा था लेकिन जब वह जवान हुए तो उन्हें झांसी का जागीरदार कर दिया गया था।
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