कोरोना के प्रकोप को काफी हद तक कम करने में सहायक है यह घरेलू दवा।
दोस्तो जैसा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की काट को लेकर चल रही रिसर्च में विभिन्न तरह की बातें सामने आ रही हैं. क्योंकि ये बातें रिसर्च के बाद कही जा रहहैं इसलिए इन्हें खारिज नहीं किया जा सकता है. इसी तरह की एक रिसर्च एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में हुई है. द सन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस रिसर्च में जो बात सामने आई है वो भारतीय परंपरा और उसकी मान्यताओं को और अधिक पुख्ता करने वाली है. इसमें कहा गया है कि गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. इस रिसर्च की रिपोर्ट के माध्यम से शोधकर्ताओं ने लोगों को इसका प्रयोग करने की सलाह दी है.
मीडिया में छपी एक रिसर्च के मुताबिक सर्दी जुकाम से बचने के लिए आमतौर पर डॉक्टर हमें गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करने की सलाह देते हैं अब यही थैरेपी कोरोना से बचाव में कारगर साबित हो रही है. खबर के मुताबिक एडिनवर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध के बाद इसकी पुष्टि की है. उनके मुताबिक, लगातार नमक-पानी से गरारा करने पर बचाव तो होता ही है, अगर मरीजों को भी यह दिया जाए तो उनके जल्द ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इसमें बीमारी से लड़ने और संक्रमण पर प्रभावी असर डालने की क्षमता है.
आपकी जानकारी बता दे कि एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना से संक्रमित 64 लोगों पर शोध किया. इनमें से 32 लोगों को रोजाना 12 बार नमक-पानी से गरारा करने की सलाह दी गई. अन्य लोगों का सामान्य तरीके से इलाज किया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग गरारा कर रहे थे वह अन्य लोगों की अपेक्षा जल्दी स्वस्थ्य हो गए. करीब ढाई दिन पहले उनमें संक्रमण खत्म हो गया. कुछ दिन पहले एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि सिर्फ 30 सेकेंड तक कुल्ला करने से वायरस का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
मीडिया में छपी एक रिसर्च के मुताबिक सर्दी जुकाम से बचने के लिए आमतौर पर डॉक्टर हमें गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करने की सलाह देते हैं अब यही थैरेपी कोरोना से बचाव में कारगर साबित हो रही है. खबर के मुताबिक एडिनवर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध के बाद इसकी पुष्टि की है. उनके मुताबिक, लगातार नमक-पानी से गरारा करने पर बचाव तो होता ही है, अगर मरीजों को भी यह दिया जाए तो उनके जल्द ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इसमें बीमारी से लड़ने और संक्रमण पर प्रभावी असर डालने की क्षमता है.
आपकी जानकारी बता दे कि एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना से संक्रमित 64 लोगों पर शोध किया. इनमें से 32 लोगों को रोजाना 12 बार नमक-पानी से गरारा करने की सलाह दी गई. अन्य लोगों का सामान्य तरीके से इलाज किया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि जो लोग गरारा कर रहे थे वह अन्य लोगों की अपेक्षा जल्दी स्वस्थ्य हो गए. करीब ढाई दिन पहले उनमें संक्रमण खत्म हो गया. कुछ दिन पहले एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि सिर्फ 30 सेकेंड तक कुल्ला करने से वायरस का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
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