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एक महिला ने किया दूसरी और महिलाओं को गर्भवती सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पूरा मामला

दोस्तो जैसा की आप जानते ही है कि आज साइंस ने काफी तरक्की कर ली है। अब यहां कुछ भी असंभव नहीं लगता। ऐसे में अगर हम ये कह रहे हैं कि एक महिला की मदद से तीन अन्य महिलाएं मां बनी, तो इसमें हैरत की बात नहीं है। जी हैं, 38 साल की लीन हैनकॉक ने  महिलाओं की जिंदगी बदल दी। ये महिलाएं काफी लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था। ऐसे में लीन ने एग डोनर बनकर अपना अंडा इन महिलाओं को डोनेट किया, जिसके बाद वो तीनों मां बन पाईं। लीन का कहना है कि दूसरी महिलाओं को मां बनाकर उन्हें संतुष्टि मिलती है।दो बच्चों की मां लीन ने बताया कि उसे एग डोनर के बारे में एक रेडियो शो से पता चला था। इसके  बाद उसने भी अपना एग डोनेट करने का फैसला किया।


38 साल की लीन ने तीन महिलाओं को मां बनने  सौभाग्य दिया। उन्होंने बताया कि ऐसा करने के बाद उन्हें दूसरों की जिंदगी में ख़ुशी भरने की ख़ुशी होती है।लीन ने अपने अनुभव लोगों के साथ शेयर किये। उन्होंने बताया कि एग डोनेट करने में किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं होती। उन्होंने बताया कि आपको एनेस्थीशिया दिया जाता है, जिसके बाद आपको कोई तकलीफ नहीं होती।लीन की शादी 2007 में हुई थी। उससे पहले 2004 में उनकी बेटी एलिसे पैदा हो गई थी। इसके बाद 2009 में लीन ने एक बेटे को जन्म दिया था। हालांकि, 2018 में लीन ने अपने हसबैंड से तलाक ले लिया था।लीन ने बताया कि उन्हें दो बार गर्भधारण में कोई तकलीफ नहीं हुई थी। इसलिए उन्हें ऐसा लगता था कि मां बनना काफी आसान है। लेकिन जब वो ऐसी महिलाओं से मिली, जो सालों से बच्चे के लिए तरस रही थी, तब उसने एग डोनर बनने का फैसला किया।

लीन के पहले क्लिनिक विजिट में उन्होंने अपने 15 एग डोनेट किये थे। उन्होंने बताया कि एग डोनर को पैसे नहीं दिए जाते। वो अपनी मर्जी से और अपनी संतुष्टि के लिए ये काम करती हैं। इस कारण उन्हें पैसों से कोई लेना-देना नहीं है।एग डोनेट करने में आने वाले अन्य खर्चे एग लेने वाली पार्टी उठा लेती है। लेकिन दोनों पार्टी आपस में किसी तरह  कांटेक्ट नहीं रखती। 2005 से पहले एग डोनर की पहचान किसी को नहीं बताई जाती थी। लेकिन इस साल कानून में हुए बदलाव के बाद 18 साल के बाद एग डोनेशन से पैदा हुए बच्चे अपनी बायोलॉजिकल मां से मिल सकते हैं।लीन ने अभी तक 6 बार एग डोनेट किया है। इसमें पैदा हुए तीन बच्चों में दो लड़के और 1 लड़की है। सभी की उम्र 7 साल के नीचे है। लीन ने बताए कि उन्हें डोनेशन से पहले 14 दिन हार्मोन टेबलेट खाना पड़ता है। इसके बाद दो इंजेक्शंस लगाए जाते हैं। फिर अण्डों को निकाला जाता है।

लीन के बच्चे भी अपनी मां द्वारा एग डोनेट किये जाने की बात जानते हैं। अभी तक यूके में हर साल 16 सौ लोग एग डोनेशन के लिए रजिस्टर करते हैं। 25 जुलाई 1978 को ओल्ढम जनरल हॉस्पिटल में पैदा हुई लुइस ब्राउन दुनिया की पहली आईवीएफ से पैदा हुई बच्ची हैं। अब वो खुद दो बच्चों की मां हैं।

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