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इस लॉक डाउन में बैंक ग्राहकों के लिए आई एक और मुसीबत खाते में रखना होगा न्यूनतम 10000 बैलेंस

मार्च के आखिरी सप्ताह में पहली बार देश भर में लॉक डाउन होने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर के लिए एक खास योजना का ऐलान किया था।
वित्त मंत्री ने मार्च 24 मार्च को हुई प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया था कि किसी भी बैंक सेविंग खाते में 3 महीनों के लिए औसत न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाएगा। यह फैसला अप्रैल मई और जून के लिए था। अभी तक वित्त मंत्रालय या किसी भी बैंक की ओर से इस बारे में स्पष्टता पूर्वक नहीं बताया गया है। इस छूठ को आगे भी जारी रखा जाएगा या नहीं। इस बात को लेकर सभी सेविंग खाता धारक असमंजस में हैं।

आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले का सीधा मतलब यह है कि अगर 3 महीनों के दौरान किसी बैंक खाते में न्यूनतम बंद नहीं रहता है तो बैंक इस पर किसी प्रकार का पैसा नहीं बस मिलेगी। हर बैंक अपने अलग-अलग दरों के हिसाब से न्यूनतम बैलेंस का चयन करती है। अपने खाते में एक निश्चित रकम को मेंटेन करके रखना बैंक की पॉलिसी में आता है। ऐसा ना करने पर बैंक द्वारा ग्राहकों से पेनल्टी लगाई जाती है। केंद्र सरकार द्वारा किए गए ऐलान के पहले ही भारतीय स्टेट बैंक ने इस बात की घोषणा कर दी थी कि सभी सेविंग बैंक खातों पर औसत न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता को लॉक डाउन के चलते खत्म किया जा रहा है।



देश के इस सबसे बड़े बैंक ने 11 मार्च को इस बात का ऐलान कर दिया था। इस बात को कहते हुए एसबीआई द्वारा बताया गया था कि एसबीआई के सभी 44.51 करोड़ सेविंग बैंक खातों पर न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा। इससे पहले मेट्रो शहरों द्वारा भी एसबीआई सेविंग अकाउंट में न्यूनतम 3000 रुपए रखना अनिवार्य था। इसी प्रकार अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 2000 और 1000 रुपए का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर एसबीआई अपने ग्राहकों से 5 से 15 रुपए तक कर बोलता था।

 इतना ही नहीं, औसत बैलेंस के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा एटीएम के कैश विड्रोल पर लगने वाले शुल्क को भी कुछ लोग गांव में हटा दिया गया था। वित्त मंत्रालय द्वारा कहा गया था कि डेबिट कार्ड होल्डर तीन महीनों के लिए किसी भी बैंक के एटीएम से कैश विड्रोल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा था कि यह फैसला इसलिए लिया गया है। ताकि कैश निकालने के लिए कम से कम लोग बैंक तक न जाएं। यदि बात की जाए अन्य अन्य बैंकों के मिनिमम बैलेंस के नियम की दो एचडीएफसी बैंक द्वारा मेट्रो शहरों के सेविंग खाता पर 10,000 रुपए का मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य है। 

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