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सोनभद्र के बाद अब बिहार में इस जगह छिपा है सोना किया जा रहा है दावा

दोस्तो उम्मीद की जा रही है कि यह करीब 3 हजार टन सोना धरती के नीचे मौजूद है. सरकार ने इस सोनो को धरती के नीचे से निकालने के लिए प्रकिया भी शुरू कर दी है. लेकिन क्या आप जानते है कि उत्तर प्रदेश के सोनपुर ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी राज्य बिहार में भी एक ऐसी जगह हैं जहां अकूत सोना छिपा हुआ है. लेकिन इस सोने को निकालना नामुमकिन सा है| 


बिहार के शहर राजगीर की वैभरगिरी पहाड़ी की तलहटी में एक गुफा है है.इस गुफा को लोग 'सोन भंडार गुफा' के नाम से भी बुलाते है. राजगीर की एक पहचान और है, यह शहर भगवान बुद्ध के स्मारकों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है| 

कहा जाता है कि राजगीर में एक गुफा है जिसमें मगध साम्राज्य के सम्राट मौर्य शासक बिम्बिसार का बेशकीमती खजाना छुपा है. हालांकि आज तक कोई भी इस खजाने को नहीं खोज पाया है. बता दें, मौर्य शासक बिम्बिसार के राज के दौरान राजगीर मगध साम्राज्य की राजधानी थी. मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान बुद्ध ने बिम्बिसार को धर्म का उपदेश दिया था| 



हालांकि कई इतिहासकार इस गुफा में मौजूद खजाने को मगध सम्राट जरासंघ का भी बताते हैं लेकिन ज्यादातर प्रमाण इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस गुफा में छिपा सोना मौर्य शासक बिम्बिसार का है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस गुफा के कुछ दूरी पर वो जेल हैं जिसमें अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को बंधी बनाया था| 




इस गुफा में एक दीवार पर शंख लिपि मे कुछ लिखा हुआ है, लेकिन यह कोई नहीं पढ़ पाया क्योंकि शंख लिपि को पढ़ने के लिए जिन किताबों का इस्तेमाल होता था वो तक्षशिला का लाइब्रेरी में थी और जब लाइब्रेरी को आग के हवाले किया गया तो उसमें शंख लिपि को समझाने वाली किताब भी जल गई. कहा जाता है कि इस गुफा पर शंख लिपि मे जो लिखा है अगर कोई उसे पढ़ ले तो वो सोने के उस भंडार तक पहुंच सकता है| 


कुछ लोगों का मानना है कि इन गुफाओं में छिपे खजाने तक जाने का रास्ता एक बड़े प्राचीन पत्थर के पीछे से होकर जाता है. जबकि कुछ ये भी मानते हैं कि खजाने तक पहुंचने का रास्ता वैभरगिरी पर्वत सागर से होकर सप्तपर्णी गुफाओं तक जाता है, जो सोन भंडार गुफा के दूसरी तरफ तक पहुंचता है| 


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