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कही अब ना हो जाये नई समस्या खड़ी जम्मू कश्मीर में होंगे कई आयोग बन्द


जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के संसद से पास होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा सभा वाला एक केन्द्र शासित प्रदेश एवं लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित बन गया है।



श्रीनगर के साथ जम्मू में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं आम दिनों के मुकाबले अर्धसैनिक बलों की तैनाती कुछ अधिक है। जम्मू कश्मीर में ज्यादातर मार्किट को बंद रखा गया है, एक स्थानीय दुकानदार का कहना है यदि धारा 370 जम्मू कश्मीर के विकास में बाधा थी आने वाले दिनों में पता चल जाएगा कि जम्मू कश्मीर का कितना विकास हुआ है। इस वक्त जम्मू कश्मीर विधानसभा में 107 सदस्य हैं लेकिन परिसीमन के बाद यह संख्या 114 हो जाएगी।



उपराज्यपाल के पास दो सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार होगा। केंद्र सरकार ने एक समिति बनाई है जो लद्दाख और जम्मू कश्मीर के बीच सम्पतियों का बटवारा करेगा और 6 महीने में केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी। इस बदलाव के साथ जम्मू कश्मीर में आधार कार्ड सहित 106 नए कानून भी लागू हो जाएंगे। अब कई महत्वपूर्ण कानून जैसे शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मुस्लिम विवाह विच्छेद, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम आदि लागू होंगे।

 अब जम्मू कश्मीर के थानों में IPC के तहत मुकदमे दर्ज होंगे इससे पहले मुक़दले रणधीर पैनल कोड के तहत दर्ज होते थे।


इसके साथ ही 31 अक्टूबर से कई महत्वपूर्ण आयोग बन्द हो जाएंगे हालांकि इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ हव इसमे राज्य मानवाधिकार आयोग,राज्य महिला आदि,विद्दुत नियामक आयोग आदि।जम्मूकश्मीर की न्याय व्यवस्था में भी बदलाव देखने को मिलेगा अब पब्लिक प्रोसिक्यूटर पद समाप्त किया जाएगा , अभी तक 40 पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त है, यह कुछ मुख्य बदलाव हैं जो 31 अक्टूबर से लागू होंगे।

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