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वन विभाग की टीम ने पकड़ा विच्छू तस्कर उबाल कर तेल निकाल कर करता था सप्लाई


आज भी दवाई और आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर हमारे देश में जानवरों के अंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से उनकी तस्करी जोरों शोरों पर की जाती है। दोस्तों की हाल ही में अजमेर में बदन दर्द, सिर दर्द, बंद नसाें काे फिर से सुचारू रूप से चलाने सहित, अन्य बीमारियाें का इलाज बिच्छू के तेल से करने का दावा करने वाले एक नीम हकीम को वन विभाग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य हुआ कि, इस हकीम के पास करीब 10 हजार बिच्छू बरामद किए गए। कार्रवाई के दौरान इस हकीम की दुकान से 10 हजार मृत बिच्छू और 60 लीटर कथित बिच्छू का तेल सहित अन्य सामग्री जब्त की गई।






वन विभाग के रेंजर ने बताया कि शिकायतें मिल रही थी, कि अंदरकोट क्षेत्र में एक व्यक्ति बिच्छू का तेल बेच रहा है, और उसके पास बड़ी संख्या में बिच्छु हैं। सूचना के बाद पुष्कर के क्षेत्रीय वन अधिकारी विजय कुमार टेलर के नेतृत्व में रेंजर सुधीर माथुर, माेहनलाल सामरिया के अलावा, दरगाह थाने से 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियाें काे इसमें शामिल किया गया। मुखबिर ने जैसे ही दुकान पर आराेपी और बिच्छू हाेने की तस्दीक की, टीम ने तुरंत वहां छापा मारा और आराेपी काे गिरफ्तार कर लिया।





जानकाराें का कहना है कि तेल निकालने के लिए लाेग बिच्छुओं काे गरम करते हैं। कुछ देर बाद बिच्छु का दिमाग भाप बन कर उड़ता है और ऊपर लगे ढक्कन पर चिपक जाता है। इसके बाद इसे ठंडा हाेने दिया जाता है। ठंडा हाेने के बाद बिच्छू का दिमाग फिर से तरल बन जाता है।




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