क्या सचिन पायलट ज्वाइन करेंगे बीजेपी या कांग्रेस ने खोल रखा है अभी दरवाजा, सुरजेवाला ने दी सटीक जानकारी, जानिए
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के दिग्गज युवा नेता सचिन पायलट को लेकर विधायकों को बैठकों का दौर जारी है। इसी बीच बहुत से सवाल उठते है कि सचिन पायलट अब किस पार्टी में जाएंगे और क्या करेंगे आने वालों दिनों में। आपको बता दे की सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ने मिलकर राजस्थान में चुनावो में प्रचार प्रसार किया। यह समय था 2018 का जब सचिन पायलट राजस्थान में एक युवा नेता थे और साथ ही कोंग्रेस के प्रदेशाध्क्ष भी थे। जैसे आप सभी जानते है अशोक गहलोत राजस्थान में एक पुराने नेता है।
जो पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान में कोंग्रेस के अनेक पदो पर रह चुके है। यदि आप देखें तो राजस्थान के 2018 के विधानसभा के चुनावो में कोंग्रेस पार्टी ने 101 विधायको के साथ सरकार का घटन किया। जिसमे अशोक गहलोत को राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाया गया था। तथा राजस्थान में सचिन पायलट को उपमुख्मंत्री का पद सौंपा गया था। सरकार ने चुनावो के दौरान अनेक वायदे किए थे। यदि मीडिया कि मैने तो सचिन पायलट इसी बात से नाराज़ होकर गुरुग्राम की एक होटल में बैठ गए।
उनके अनुसार सरकार ने जनता से जो वायदे किए थे उन पर वह खरी नहीं उतरी। चुनावो के दौरान किए गए वायदों में अनेक बड़े फैसले थे। जिनमे कुछ निम्न प्रकार थे।1. राजस्थान में किसानों का 2 लाख तक का पूर्ण खेती के लिए लिया गया लोन माफ किया जाएगा।2. किसानों को खेती के लिए 2000 तक के बिल माफ किए जाएंगे। 3. यूवाओ के लिए रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।
सचिन पायलट इतने नाराज़ हो गए की दो बार कोंग्रेस पार्टी द्वारा निवेदन करने पर भी वो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस प्रकार के व्यवहार को देख कोंग्रेस हाई कमांड ने उनके सभी पद छीन लिए। आज शाम 4 बजे हुई प्रेस कांफ्रेंस में सुरजेवाला ने एक बार फिर सचिन पायलट को कोंग्रेस में आने के लिए निवेदन किया है उन्होंने कहा कि यदि वो अभी भी कोंग्रेस के साथ है तो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और अपना समर्थन दिखाए। यह सब उनके द्वारा बीजेपी में जाने से मना करने पर किया गया है।
जो पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान में कोंग्रेस के अनेक पदो पर रह चुके है। यदि आप देखें तो राजस्थान के 2018 के विधानसभा के चुनावो में कोंग्रेस पार्टी ने 101 विधायको के साथ सरकार का घटन किया। जिसमे अशोक गहलोत को राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाया गया था। तथा राजस्थान में सचिन पायलट को उपमुख्मंत्री का पद सौंपा गया था। सरकार ने चुनावो के दौरान अनेक वायदे किए थे। यदि मीडिया कि मैने तो सचिन पायलट इसी बात से नाराज़ होकर गुरुग्राम की एक होटल में बैठ गए।
उनके अनुसार सरकार ने जनता से जो वायदे किए थे उन पर वह खरी नहीं उतरी। चुनावो के दौरान किए गए वायदों में अनेक बड़े फैसले थे। जिनमे कुछ निम्न प्रकार थे।1. राजस्थान में किसानों का 2 लाख तक का पूर्ण खेती के लिए लिया गया लोन माफ किया जाएगा।2. किसानों को खेती के लिए 2000 तक के बिल माफ किए जाएंगे। 3. यूवाओ के लिए रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।
सचिन पायलट इतने नाराज़ हो गए की दो बार कोंग्रेस पार्टी द्वारा निवेदन करने पर भी वो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस प्रकार के व्यवहार को देख कोंग्रेस हाई कमांड ने उनके सभी पद छीन लिए। आज शाम 4 बजे हुई प्रेस कांफ्रेंस में सुरजेवाला ने एक बार फिर सचिन पायलट को कोंग्रेस में आने के लिए निवेदन किया है उन्होंने कहा कि यदि वो अभी भी कोंग्रेस के साथ है तो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और अपना समर्थन दिखाए। यह सब उनके द्वारा बीजेपी में जाने से मना करने पर किया गया है।
No comments