अब कोरोना वेक्सीन को लेकर रूस ने किया ये एक ओर बड़ा दावा
हाल ही में रूस के सेचेनोव विश्वविद्यालय की तरफ से बोला गया था कि उसने संसार की पहली कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है व इसका मनुष्यों पर ट्रायल भी पास रहा है।
रूस की वैक्सीन को लेकर दुनिया स्वास्थ्य संगठनने सात जुलाई को बोला था कि वैक्सीन अभी पहले चरण में है। जिसका अर्थ है कि उसे सुरक्षित माने जाने के लिए कम से कम 3-4 ट्रायल से व गुजरना है, तो फिर सेचेनोव विश्वविद्यालय इतनी जल्दी वैक्सीन तैयार करने का दावा कैसे कर सकता है? इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ ने 21 संभावित टीकों को सूचीबद्ध किया है व उनमें से केवल दो ह्यूमन ट्रायल के उन्नत चरण में पहुंचे हैं। जिसमें चाइना की सिनोवैक व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका की वायरल वेक्टर वैक्सीन शामिल हैं।
अब रूस के दावे पर करीब से नजर डालते हैं। रूसी विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता का दावा है कि वैक्सीन के सभी ह्यूमन ट्रायल सारे हो चुके हैं, लेकिन, अध्ययन में केवल 40 वॉलेंटियरों को ही शामिल किया गया। जबकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दूसरे चरण में कम से कम 100 व तीसरे चरण में हजारों वॉलेंटियर्स का शामिल होना महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि रूस की वैक्सीन ने अभी पहला चरण ही पूरा किया है।
तथ्यों की जाँच से यह बात भी सामने आती है कि परीक्षण 18 जून को प्रारम्भ हुआ था। इसका मतलब है कि केवल एक महीने में रूस ने सभी ट्रायल करके वैक्सीन को मनुष्यों के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया। लिहाजा यह बोलना गलत नहीं होगा कि वैक्सीन को लेकर रूस ने जो दावा किया है, वो पूरी तरह ठीक नहीं है।
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