लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए क्या लिया जाएगा किराया, रेलवे ने बताया
दोस्तो लॉकडाउन वैसे 3 मई को खत्म हो रहा था लेकिन अब इसकी अवधि बढ़कर 17 मई तक की हो गई है. इस बीच, भारतीय रेलवे ने बीते शुक्रवार से देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों, छात्रों और पर्यटकों के लिए विशेष ट्रेनों को हरी झंडी दे दी है. देश के चुनिंदा रूट पर ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
ट्रेन में सफर करने के लिए किसी को टिकट जारी नहीं किया जा रहा है. मतलब ये कि फंसे हुए लोगों से टिकट के पैसे नहीं लिए जा रहे हैं।
इसके अलावा ट्रेन में खाने-पीने के सामान भी फ्री में दिए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि रेलवे की ओर से किए जा रहे इस खर्च के पैसे कौन देगा. इसके जवाब में रेलवे ने बताया है कि किराया संबंधित राज्य सरकारों से लिया जाएगा।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक किराए में स्लीपर क्लास के टिकट की कीमत, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और प्रति यात्री भोजन के अलावा पानी के लिए 20 रुपये शामिल होंगे. इसका भुगतान राज्य सरकारें करेंगी।
ट्रेन में सफर करने के लिए किसी को टिकट जारी नहीं किया जा रहा है. मतलब ये कि फंसे हुए लोगों से टिकट के पैसे नहीं लिए जा रहे हैं।
इसके अलावा ट्रेन में खाने-पीने के सामान भी फ्री में दिए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि रेलवे की ओर से किए जा रहे इस खर्च के पैसे कौन देगा. इसके जवाब में रेलवे ने बताया है कि किराया संबंधित राज्य सरकारों से लिया जाएगा।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक किराए में स्लीपर क्लास के टिकट की कीमत, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और प्रति यात्री भोजन के अलावा पानी के लिए 20 रुपये शामिल होंगे. इसका भुगतान राज्य सरकारें करेंगी।
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