छठ पूजा में महिलायें इन बातो का रखे ख़ास ख्याल मिलेगा लाभ
जैसा कि आप जानते हैं की दिवाली के बाद आने वाला सबसे बड़ा त्यौहार छठ पूजा माना जाता है| दिवाली के बाद छठ का महापर्व की शुरुआत हो गई है। 4 दिन चलने वाले इस पूजा की शुरूआत नहाय खाय के साथ होती है। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य 2 नंवंबर को दिया जाएगा।
छठा व्रती स्नान करने का बाद शाकाहीरी भोजन का ही ग्रहण करें। भोजन में कद्दू-दाल और चावल ग्रहण किया जाता है। दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी और 1 नवंबर को व्रतधारी इस दिन पूरे दिन उववास रखते है फिर शाम को भोजन करते हैं। इस को खरना कहा जाता है।
छठ की पूजा में प्रसाद के रूप में गन्ने के रस से बने हुए खीर और दूध, चावल का पिठ्ठा और घी में चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इस माहापर्व में 2 नंवबर दो नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। शाम को अर्घ्य का समय 5:15 बजे है।
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य का समय प्रात: 6:15 बजे है। इसके साथ व्रत का समापन होता है।
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